Fascination About moral stories in Hindi
Fascination About moral stories in Hindi
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उल्लू बोला – नहीं मित्र हंसिनी तुम्हारी ही पत्नी है और तुम्हारी ही रहेगी।
पंचतंत्र की कहानी: मूर्ख बातूनी कछुआ – murkh batuni kachua
पंचतंत्र की कहानी: रंगा सियार – ranga siyar – the blue jackal story in hindi
गाँधी जी एक बार अपनी यात्रा पर निकले थे. तब उनके साथ उनके एक अनुयायी आनंद स्वामी भी थे. यात्रा के दौरान आनंद स्वामी की किसी बात को लेकर एक व्यक्ति से बहस हो गई और जब यह बहस बढ़ी तो आनंद स्वामी ने गुस्से में उस व्यक्ति को एक थप्पड़ मार दिया.
परन्तु फिर भी मैने समय पे पहुंचने की कोसिस की पर नहीं पहुंच सका, इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ गुरुदेव। महर्षि ने मुस्कुराते हुए पहले आने वाले व्यक्ति की तरफ देखा और बोले – वत्स निश्चित ही तुम्हारी राह भी वही थी, जिससे यह आया है। तुम्हे सेवा के अवसर मिले परन्तु तुमने उन्हें करने से इंकार कर दिए।
धोखे से आपको कुछ नहीं मिलेगा। यदि आप धोखा देते हैं, तो आप इसके लिए जल्द ही भुगतान करेंगे।
तेनाली और सुलतान आदिलशाह – तेनालीराम की कहानी
“At 42 several years aged, with two daughters almost to finish faculty, I Give up my 6-figure-wage career Operating within a harmful natural environment and escaped to your cabin by a river. Single parenting, a Terrible ex-spouse, and a misogynist boss zapped my psychological effectively-being to near zero. In 2009, with my Young ones now developed, I came to the summary that everyday living wasn't meant for being so tricky, and absolutely there was yet another way. I had been gonna rebuild my existence from scratch, although it intended losing every little thing in the procedure. I rented a cabin inside the wilderness and sat by a river for nine months, living off my price savings. I hiked, kayaked, go through, wrote and unpacked my emotions. It had been restorative. Following nine months, I found a work during the recreation field.
ऐसा बोलकर हंस अपनी हंसिनी के साथ वहां से निकलने लगा, तभी उल्लू चिल्लाया।
पंचतंत्र की कहानी: स्वजाति प्रेम – swajati prem
उन्हें अपनी गलती का अहसास हो रहा था और उनकी आत्मा उन्हें बार – बार यह बोल रही थी की झूठ नहीं बोलना चाहिए.
पंचतंत्र की कहानी: मित्र की सलाह – mitra ki salah
उनके ऐसे ही न जाने कितने प्रेरक प्रसंग हैं, जो न केवल इन्सानियत और मानवता का पाठ पढ़ाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि जनता के एक प्रतिनिधि का स्वरूप कैसा होना चाहिए।विराट हृदय वाले शास्त्री जी अपने देश के लोगों के विकास और वतन की शांति की स्थापना के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। उन्हें कभी भी किसी पद या सम्मान की लालसा नहीं रही। उनके राजनीतिक जीवन में अनेक ऐसे अवसर आए,जब शास्त्री जी ने इस बात का सबूत दिया कि देश और मानव सेवा ही उनका उद्देश्य है और इस तरह लोगों के समक्ष कई प्रेरणादायी उदाहरण रखे। उनके विषय में यह कहा जाता है कि वह अपना त्यागपत्र सदैव अपनी जेब में रखते थे। ऐसे निःस्पृह व्यक्तित्व के धनी,शास्त्री जी भारत माता के सच्चे सपूत थे।
हिंदी कहानियां मोरल के साथ जो आपको नैतिक शिक्षा तो देगीं ही परन्तु साथ ही साथ जीवन की महत्त्वपूर्ण व मूलभूत बातें भी सिखाएंगी।, यह सभी हिंदी कहानियां click here बहुत ध्यान पूर्वक लिखी गई हैं जिसमें आपको वह सभी महत्वपूर्ण बातें पढ़ने को मिलेंगी जिससे हम एक अच्छे समाज की स्थापना कर सकते हैं।